मौन-उपचार
एक दंपति के बीच पिछले कुछ दिनों से खटपट चल रही थी. दोनो को एक दुसरे से बात न करना ही सबसे कारगर उपाय लगा. तो फ़ैसला हुआ कि जो पहले बोलेगा वही हारा हुआ माना जायेगा.
रात को सोने के पहले पति को अचानक याद आया कि अगले ही दिन उन्हे अपने काम के सिलसिले से बाहर जाना है और सुबह सुबह ६ बजे की फ़्लाईट पकड़नी है.
सो, पहले बोलने (और हारने) से बचने के लिये पति महाशय ने एक कागज के पुरज़े पर लिखा - "मुझे सुबह ५ बजे उठा देना" और कागज बगल में सोई पत्नी के सिरहाने रख दिया.
सुबह पति की नींद खुली, देखा घड़ी में ९ बज रहे थे। जाहिर है, वो अपनी फ़्लाईट "मिस" कर चुका था। पत्नी पास में नहीं थी, अलबत्ता उसने अपने सिरहाने एक पर्ची देखी, जिसपर पत्नी ने लिख रखा था - "सुबह के ५ बज रहे हैं, उठ जाओ!"
शब्द प्रयोग
पति ने अखबार की एक खबर पढ कर सुनाई - कि औरतें, पुरुषों के मुकाबले एक दिन में दुगने शब्दों का प्रयोग करती हैं"
पत्नी ने कहा - वो इसलिये कि पुरुषों को सुनाने के लिये औरतों को अपनी हर बात दुहरानी पड़ती है।
पति - "...क्या??..."