Wednesday, July 19, 2006

दिल फ़िर दिमाग पर भारी पड़ गया..!!

 
"मैडम" के सिंगापुर आने के पहले यह होता था कि हम अपना अधिकतर समय ऑफ़ीस में ही गुजार लिया करते थे और सिर्फ़ खाने और सोने के लिये बाहर निकला करते थे. हम जानते थे, आप ऐसा ही कुछ "गन्दा" सोचोगे, अरे खाने के लिये फ़ुडकोर्ट, और सोने के लिये "घर" (अब इसे ऑफ़ीस से बाहर निकलना ही तो कहेंगे ना?).
 
उसका फ़ायदा यह होता था कि थोड़ा बहुत ऑफ़ीस का काम भी कर लेते थे, अपने व्यक्तिगत काम (चैटिंग, मेल-शेल, नेट भ्रमण इत्यादि) भी हो जाते थे, और कुछ नहीं तो कम से कम ब्लाग लिखने-पढने का भरपूर समय मिल जाता था.
 
मगर अब तो हालत यह है कि ६ - ६:३० होते होते ही घर भागने की मन हो आता है.
 
अब आप लोग कहेंगे कि "अरे वाह! ये तो अच्छी बात है", हाँ बात तो अच्छी है ही. मगर उसके भी अपने नुकसान्स" हैं, और वो भी अपने ब्लागिंग जगत के लिये.
 
अरे भाई ऑफ़ीस से जल्दी जाने का मतलब यह कि ऑफ़ीस टाईम में ही यदा कदा कुछ "पढ" लिया तो ही बहुत, "लिखना" तो बडा भारी हो जाता है - अरे! ऑफ़ीस का काम भी तो करना पडता है ना? अब मै कोई "जीतू भैया" या "नाहर जी" थोडे ना हूँ कि जो मैं दो-चार दिन नज़र ना आउँ तो मुझे हजारों लाखों की तादाद में बुलावे आयें कि "भई, कहाँ छुप गये हो? आजकल ना ब्लाग ना परिचर्चा?"
मगर आप लोग भले ही कहो न कहो, मैं सब समझता हूँ - कि आप लोग मुझे कितना 'मिस' कर रहे होंगे, है ना?
 
तो फ़िर इस तरह जन्म लिया एक आवश्यकता ने-- घर पर एक अदद कम्प्यूटर की आवश्यकता ने! मगर पराये देश में "मितव्ययता" जो कि अपने आप ही सर चढ जाती है, पहले ही से पैर पसारे थी. तो फ़िर एक महासंग्राम हुआ, "आवश्यकता" और "मितव्ययता" का महासंग्राम.
 
मैडम पहले तो "मितव्ययता" की तरफ़ से मोर्चा संभाले हुये थीं, तब उनका तर्क ये था कि पहले ही ऑफ़ीस में अपना समय बरबाद कर देते हो, घर पर कम्प्यूटर आने से तो घर आकर भी मुये के सामने पडे रहोगे, और "उनकी" तरफ़ ध्यान ही नही दोगे. मगर बाद में उन्होने भी पाला बदल लिया. पाला बदलने के लिये यह तर्क पहले ही से उनके पास था कि - घर में कम्प्यूटर आयेगा तो वो दिनभर अपने दोनो घरों (भारत के) में आराम से बात कर पायेंगी - चैटिंग, मेल के जरिये (उन्हें तो यही लगा होगा कि "कम्प्यूटर" लेंगे तो जैसे इन्टरनेट तो फ़ोकट में ही मिल जायेगा), और फ़िर मुझे बहलाने को क्यह भी जोड़ दिया कि -आपके काम में कुछ मदद भी कर दिया करुंगी. (उन्हें कोई कैसे समझाए कि उनका हमारे काम के बीच नाक ना घुसाना ही हमारे लिये सबसे बड़ी मदद होगी उनकी तरफ़ से).
 
और फ़िर बहुत दिनों से दिली तमन्ना थी और रह रह कर मन में हुक उठ रही थी, (और तो और जमा किया हुआ पैसा भी उचक रहा था) कि लैपटॉप लेना है, लैपटॉप लेना है!
 
तो जनाब, दिल को कड़ा किया और पिछले ही शनिवार को -१५ जुलाई को - जब हमारी मम्मी के जन्मदिन की सालगिरह भी होती है - ले ही आये एक अदद लैपटॉप.
 
लैपटॉप ही क्यों? अरे...रईसी शौक़ है भई हमारे!!  डेस्कटॉप कहाँ लादे फ़िरेंगे भाई?
 
लेने गये थे तो कोई खास बजट तो नहीं बनाते थे, मगर सोचे थे कि २ हजार के अन्दर ही मिल जाये तो ठीक रहेगा. पर बजट के मुकाबले हमने configuration को थोडी ज्यादा तवज्जो दे रखी थी. ये जरूर सोच रखा था कि भई लैपटॉप में क्या क्या होना चाहिये. तो थोडे बहुत मॉडल देखने के बाद एक पसंद आ ही गया (main बात ये कि वो मैडम को भी पसंद आया). बजट के थोडा उपर था, मगर जब दो लोगों ने पसंद कर लिया तो बस, फ़िर फ़ायनल कर ही दिया और ले ही लिया.
 
लैपटॉप का जुगराफ़िया नीचे छाप दिये हैं, नजर मार लीजियेगा.
 
और हाँ, अब कृपया एकदम कल ही से मुझसे लाखों ब्लागपोस्ट या फ़िर परिचर्चा पर मेरी करोड़ों टिप्पणियों की उम्मीद मत लगा लेना, अरे, अभी सिर्फ़ कम्प्युटर आया है, घर पर अभी इंटरनैट का भी इंतजाम करना है. हाँ, घर से कुछ लिख कर ऑफ़ीस ला कर उसे तो पोस्ट कर ही सकता हूँ. मगर उसके लिये भी "मैडम" की सलाह (वो क्या है ना कि अनुमति लिखना अच्छा नहीं दिखता ना..) लेनी पडेगी.
यार, धीरे धीरे ब्लाग-शलाग का माहौल बनाना पडेगा ना. ;)
 
अभी तो टाईम हो गया है, चलते हैं. फ़िर मिलेंगे.
 
ACER Aspire 5562WXMI Notebook

Processor and Core Logic
-Intel® Centrino® Duo mobile technology
-Intel® Core™ Duo Processor T2300 (1.66GHz Processor)
-Intel® 945PM Express chipset 

System Memory
-1GB of DDR II RAM, upgradeable to 4GB using dual soDIMM modules
 
Display/Graphics
-14.1" WXGA Acer CrystalBrite™ TFT LCD, 1280 x 800 pixel resolution, 16.7 million colours, 16:10 viewing ratio, supporting simultaneous multi-window viewing on dual displays via Acer GridVista™
-ATI Mobility™ Radeon® X1400 with up to 512MB HyperMemory™
-MPEG-2/DVD hardware-assisted capability
-S-video/TV-out (NTSC/PAL) support
-Acer Arcade™ featuring Acer CinemaVision™ and Acer ClearVision™ technologies
 
Storage Subsystem
-100GB S-ATA hard disc drive
-5-in-1 card reader, supporting Secure Digital (SD), MultiMediaCard (MMC), Memory Stick® (MS), Memory Stick PRO™ (MS PRO), xD-Picture Card™ (xD)
 
Media Drive
-DVD-Super Multi double-layer
 
Dimensions & Weight
-334 (W) x 243 (D) x 28/35 (H) mm
-2.35kg
 
Power Subsystem
-ACPI 2.0b CPU power management standard: supports Standby and Hibernation power-saving modes
-53.3W 4800 mAh Li-ion battery pack (6-cell)
-3-hour battery life
-Acer QuicCharge™ technology: 80% charge in 1 hour; 2-hour rapid charge system-off; 2.5-hour charge-in-use
-3-pin 90W AC adapter
 
Keyboard and Pointing Device
-88-/89-key keyboard with inverted "T" cursor layout; 2.5 mm (minimum) key travel
-Built-in Touchpad with 4-way integrated scroll button
-12 function keys; 4 cursor keys; 2 Windows® keys; hotkey controls; embedded numeric keypad, international language support
-4 easy-launch buttons: Internet, e-mail, Acer Empowering Key and user-programmable button
-2 front-access buttons: WLAN and Bluetooth®
 
Audio
-Intel® High Definition audio support
-S/PDIF (Sony/Philips Digital Interface) support for digital speakers
-Audio system with 2 built-in speakers
-Sound Blaster Pro™ and MS-Sound compatible
-Built-in microphone
 
Communication Interface
-Acer Video Conference featuring Voice and Video over Internet Protocol (VVoIP) support via Acer OrbiCam
-Acer OrbiCam 1.3-megapixel CMOS camera featuring:
-- 225-degree ergonomic rotation
-- Acer VisageON technology
-- Acer PrimaLite technology
-Modem: 56K ITU V.92 with PTT approval; Wake-on-Ring ready
-LAN: gigabit Ethernet; Wake-on-LAN ready
-WLAN: Intel® PRO/Wireless 3945ABG network connection (dual-band tri-mode 802.11a/b/g) Wi-Fi CERTIFIED™ solution, supporting Acer SignalUp™ -wireless technology
-WPAN: Bluetooth® 2.0+EDR (Enhanced Data Rate)
 
I/O Interface
-3 x USB 2.0 ports
-1 x ExpressCard slot
-1 x PC Card slot (one Type II)
-1 x 5-in-1 card reader (SD/MMC/MS/MS Pro/xD)
-1 x IEEE 1394 port (4-pin)
-1 x Fast infrared (FIR) port
-1 x External display (VGA) port
-1 x S-video/TV-out (NTSC/PAL) port
-1 x Headphones/speaker/line-out jack with S/PDIF support
-1 x Microphone-in jack
-1 x Line-in jack
-1 x Ethernet (RJ-45) port
-1 x Modem (RJ-11) port
-1 x DC-in jack for AC adapter
 
OS Preload
-Genuine Microsoft® Windows® XP Home
 
Software
-Acer Empowering Technology (Acer eDataSecurity / eLock / ePerformance / eRecovery6 / eSettings / eNet / ePower / ePresentation Management)
-Acer GridVista™
-Acer Arcade™
-Acer Launch Manager
-Norton AntiVirus™ *
-Adobe® Acrobat® Reader®
-CyberLink® PowerProducer™
-NTI CD Maker™
 
Gift Items
-Acer Bluetooth® VoIP phone
-40 GB External USB disk drive
-1 GB Thumbdrive
-Carry Case
 
Warranty
-1-year limited local and international Traveller's (carry-in) warranty
 
Price: S$2298.00 (सिंगापुरिया डॉलर्स)
 
विशेष नोट:
अगर हम इस सौदे में ठगा गये हैं या हमने "महंगा" ले लिया है तो हमे ये बता कर "जलाने" की या "और ज्यादा" दु:खी करने की जरुरत कतई नहीं है.  हाँ अगर ये हमें सस्ते में मिला है, और सौदा अच्छा रहा, तो जरुर हमारी तारीफ़ में दो-चार (ज्यादा भी) कसीदे पढें, हमें अच्छा लगेगा.

Friday, July 14, 2006

अनुगूँज में चुटकुलों की गुँज

******* १ *******


Akshargram Anugunj
बन्ता सिंह (अपनी बीबी से): आज मैने पानी को बेवकुफ़ बना दिया.
सरदारनी: वो कैसे जी?
बन्ता सिंह: मैने नहाने के लिये पानी गरम किया, मगर मैं उससे नहाया ही नही और ठंडे पानी से ही नहा लिया.

******* २ *******

बंता सिंह जी ने लंदन के एक बार में प्रवेश किया और एक साथ ३ बीयर का आर्डर दिया. बीयर आने के बाद उन्होने तीनो में से बारी बारी एक एक घूंट ले ले कर बीयर खत्म की, फ़िर बैरे को बुलाया और ३ बीयर फ़िर से आर्डर की.
बैरा जो यह देख रहा था, बोला - साहब, अपने बार में काफ़ी स्टॉक है बीयर का, आप एक-एक कर के ही आर्डर करो, और बीयर का आनन्द लो.
बंता सिंह बोले - अरे नहीं, दरअसल, हम तीन भाई हैं, एक कनाडा में है, एक दुबई में है, और मैं यहाँ लंदन में हूँ. जब हम साथ रहते थे तो हम लोग बार में जाकर इकठ्ठे ही बीयर पिया करते थे. और जब हम अपनी अपनी नौकरी धंधे की वजह से बाहर निकले तो हमने आपस में यह वादा किया कि हम जहाँ भी
रहेंगे, इसी तरह अपने पुराने दिनों को याद करके बीयर पिया करेंगे.
बंता सिंह जी उस बार में नियमित रुप से आने लगे और उसी तरह,हर बार ३ बीयर आर्डर करते, १ १ करके तीनो खतम करते और चले जाते.
लगभग एक साल बाद, बंता सिंह जी बार में आये, मगर इस बार उन्होने सिर्फ़ २ ही बीयर आर्डर की. यह देख कर बार के सभी नियमित ग्राहक और बैरे चकित रह गये, और किसी अनैष्ट की आशंका करते हुये शांत हो गये. थोडी देर बाद एक बैरा आया और बोला - साहब, मैं आपके गम को और बढाना नहीं चाहता मगर,
हमारी पुरी सहानुभूति आपके साथ है.
बंता सिंह जी ने थोडा चकित होते हुये बैरे को घुरा फ़िर जोर से हँस पड़े - हो हो हो ...!! अरे नहीं जी. मेरे सभी भाई बिल्कुल सही सलामत हैं. बात बस इतनी सी है कि, कल ही से........मैने बीयर छोड़ दी है.
******* ३ *******

एक बार एक व्यक्ति बार में पहुँचा और एक लार्ज बीयर का आर्डर दिया. अभी बह पुरी भी खत्म नहीं कर पाया था कि उसे "प्राकृतिक बुलावा" आया. वह अपनी बीयर यूँही छोडकर नहीं जाना चाहता था, उसे डर था कि अगर उसने अपना ग्लास टेबल पर छोडा तो कोई और आके उसे पी जायेगा.
उसने एक तरकीब निकाली, अपने ग्लास के पास टेबल पर उसने एक नोट लिख कर छोडा - "मैंने इस बीयर में थूका हुआ है, इसे ना पियें"और बाथरूम की तरफ़ चला गया.
जब वापस आया तो बीयर तो उसे वैसे कि वैसे ही मिली, साथ ही एक नोट और मिला, जिसपर लिखा था - "मैंने भी थूक दिया है"
******* ४ *******

बन्तासिंह बार में बैठे हुये सबको झिला रहे थे कि उनकी बहुत पहुँच है, और वो सबको जानते हैं. सन्तासिंह ने सोचा चलो देखते हैं. उसने बन्तासिंह से १० रू की शर्त लगाई कि बार में अब जो भी पहला व्यक्ति आयेगा वो बन्तासिंह को नहीं पहचानता होगा.
तभी एक आदमी बार में घुसा और घुसते ही बन्तासिंह को देख कर आवाज दी - हे बन्तासिंह, कैसे हो?
शर्त हारने के बाद सन्तासिंह बोला कि चलो १०० रू की शर्त, जो भी सड़क पर पहला व्यक्ति मिलेगा वो तो तुम्हे नहीं जानता होगा.
दोनो सड़क पर निकले, एक आदमी पास से गुजरते हुये बोल गया - बन्तासिंह क्या हाल चाल?
खीज कर सन्तासिंह बोला कि शर्तिया अपने प्रधानमंत्री तो तुम्हे नहीं पहचानते होंगे. चलो १००० रू की शर्त.
दोनो प्रधानमंत्री निवास पहुँचे, वहाँ पहुँचते ही वहाँ तैनात सिपाही चिल्लाया - बन्तासिंह, तुम्हे पता है ना कि कोई भी इस तरह यहाँ नहीं आ सकता?
तभी प्रधानमंत्री का काफ़िला वहाँ से निकला, प्रधानमंत्री के सचिव ने चलती गाड़ी से हाथ हिला कर कहा - ओ बन्तासिंह, बडे दिनों बाद दिखे?
सन्तासिंह का दिमाग खराब. उसपर बन्तासिंह बोले, देखो मैं अभी जाके प्रधानमंत्री के साथ उपर उनकी बालकनी में आता हूँ.
बन्तासिंह कहे अनुसार प्रधानमंत्री के साथ उपर बाल्कनी में नजर आये. उन्होने नीचे सन्तासिंह को देख कर हाथ हिलाया और नीचे आये.
नीचे आकर देखा कि सन्तासिंह बेहोश पडे थे, सन्तासिंह को होश में लाकर पुछा कि क्यों मुझे प्रधानमंत्री के साथ देखकर बेहोश हो गये?
सन्तासिंह बोले - नहीं, जब तुम उपर थे तो कोई मेरे पीछे से आया और उपर इशारा कर के पुछा कि - ये बन्तासिंह बालकनी में किसके साथ खड़ा है?
******* ५ *******

एक 'बार' में एक बन्दा बड़ी खुबसूरत सी शर्ट पहन के आया. बारटेन्डर ने कहा - वाह! क्या कमीज़ है? कहाँ से ली?आदमी बोला - 'जार्जियो अरमानी'
थोड़ी देर बाद एक दूसरा आदमी अन्दर आया, उसकी पतलून देख कर बारटेन्डर ने कहा - वाह! क्या पतलून है? कहाँ से ली?दूसरा आदमी बोला - 'जार्जियो अरमानी'
थोड़ी देर बाद एक तीसरा आदमी अन्दर आया, उसके जूते देख कर बारटेन्डर ने पुछा- वाह! क्या जुते है? कहाँ से लिये?तीसरा आदमी बोला - 'जार्जियो अरमानी'
तभी एक आदमी नंग-धडंग बार में घुस गया, उसे देख कर बारटेन्डर चिल्लाया - ओ ओ, कहाँ घुसे आ रहे हो? कौन हो तुम?वो आदमी बोला - अरे मैं ही जार्जियो अरमानी हूँ.
******* ६ *******

एक बार एक पादरी 'बार' घुसा और जोर से चिल्लाया - "जो भी स्वर्ग जाना चाहता है, खड़ा हो जाय"
'बार' के सभी लोग खडे हो गये, बन्तासिंह को छोड कर.
पादरी उनके पास पहुँचा और बोला - बेटे, तुम मरने के बाद स्वर्ग नहीं जाना चाहते?
बन्तासिंह बोले - मरने के बाद?? मैं तो समझा आप अभी के अभी एक लॉट ले जा रहे हो..!
******* ७ *******

बन्तासिंह को सुबह सुबह उनकी मम्मी ने उठाया और कहा - "उठो बेटे, ७ बज गये हैं, तैयार हो जाओ, स्कूल जाना है".
बन्तासिंह बोले - "नहीं, मैं स्कूल नहीं जाउंगा".
माताजी बोलीं - "चलो मुझे कोई २ कारण बताओ स्कूल ना जाने के".
बन्तासिंह बोले - "सारे बच्चे मुझे चिढाते हैं, और सारी की सारी टीचर भी मुझसे नफ़रत करती हैं".
माताजी बोलीं - "चलो चलो, बहाने मत बनाओ, और जल्दी तैयार हो जाओ".
बन्तासिंह बोले - "चलो आप मुझे कोई २ कारण बताओ स्कूल जाने के".
माताजी बोलीं - "पहला तो ये कि तुम ५२ साल के हो. और दूसरा ये कि तुम स्कूल के प्रिंसीपल हो".
******* ८ *******

सन्ता और बन्ता रात को एक बैंक में चोरी की नीयत से घुसे. अंधेरे में उन्हे बैंक में दो बडे भारी थैले मिले. जिन्हे वे उठा लाये, और एक एक थैले आपस में बाँट कर अपने अपने घर चले गये.
चोरी के लगभग एक महीने बाद दोनो फ़िर मिले.
सन्ता - तुम्हारे थैले में क्या निकला?
बन्ता - करीब १० लाख.
सन्ता - वाह! क्या बात है? तुमने उनका क्या किया?
बन्ता - एक घर खरीद लिया और एक सेकण्ड हेण्ड कार भी मिल गई. तुम्हारे थैले में क्या निकला?
सन्ता - कुछ नहीं यार, बिल ही बिल थे.
बन्ता - फ़िर तुमने उनका क्या किया?
सन्ता - क्या करता, ढेर सारे हैं यार, धीरे धीरे करके भर (चुकता कर) रहा हूँ.
******* ९ *******

सन्ता घर पहुँचा तो देखा कि उसकी बीबी अपना सामान बाँध रही है.
सन्ता - अरे! कहाँ जा रही हो?
श्रीमति सन्ता - लास वेगास!
सन्ता - लास वेगास? क्यों?
श्रीमति सन्ता - मुझे एक आदमी मिला है जो मुझे $400 देगा उस काम के जो तुम फ़्री में करते हो.
सन्ता कुछ देर सोचने के बाद अपना भी सामान बाँधने लगा.
श्रीमति सन्ता - तुम कहाँ जा रहे हो?
सन्ता - लास वेगास!
श्रीमति सन्ता - लास वेगास? क्यों?
सन्ता - ये देखने के लिये कि सिर्फ़ $800 में तुम साल भर कैसे निकालती हो.
******* १० *******

लालू दाढी बनवाने के लिये नाई की दुकान में बैठा. नाई को लालू की दाढी बनाने में तकलीफ़ हो रही थी क्योंकि लालू के बाल वैसे ही छोटे छोटे थे.तो नाई ने अपने बक्से में से लकड़ी की एक छोटी सी गेंद निकाली और लालू को मुँह में रखने के लिये दी, जिससे दाढी अच्छे से बन सके.
दाढी बनने के बाद लालू ने पुछा - अगर यह गेंद मुँह से पेट में चली जाती तो क्या होता?
नाई बोला - क्या होता? तुम इसे अगले दिन सुबह (शौच के बाद) मुझे वापस कर देते, जैसे और लोगों ने दी थी.
******* ११ *******

एक बार एक आदमी कहीं जा रहा था कि उसे एक आवाज आई.
उसने देखा कि एक मेंढक उसे पुकार रहा था, मेंढक कह रहा था - अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत लड़की में बदल जाउंगा.
उस आदमी ने मुस्कुरा कर मेंढक को देखा और उसे उठा कर अपनी जेब में रख लिया.
थोड़ी देर बाद मेंढक फ़िर बोला - अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत अमीर लड़की में बदल जाउंगा और तुम मुझसे शादी कर सकते हो.
आदमी ने मेंढक को अपनी जेब से निकाला, उसे देखा और मुस्कुरा कर वापस अपनी जेब में रख लिया.
थोड़ी देर बाद मेंढक फ़िर बोला - अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत लड़की में बदल जाउंगा और तुम मुझसे शादी कर सकते हो, और मेरी सारी दौलत भी तुम ले सकते हो.
आदमी ने मेंढक को फ़िर अपनी जेब से निकाला, उसे देखा और मुस्कुरा कर वापस अपनी रखने लगा.
मेंढक चिल्लया - अरे, कैसे मर्द हो तुम? मैं तुमसे कह रहा हूँ कि अगर तुम मुझे 'किस' करोगे तो मैं एक खुबसूरत लड़की में बदल जाउंगा और तुम मुझसे शादी कर सकते हो, और फ़िर मेरी सारी दौलत भी तुम ले सकते हो.तुम मुझे 'किस' क्यों नहीं करते?
आदमी बोला - क्योंकि मैं एक सॉफ़्टवेअर इंजीनियर हूँ, प्रेमिका और बीबी के लिये मेरे पास समय नहीं है, मगर एक 'बोलने वाला' मेंढक वाकई 'कूल' है.
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