बैठे बैठे अचानक ही मेरे दिमाग में ये कीडा कुलबुलाया कि क्यों ना आप लोगों से एक शायराना पहेली पूछी जाय?
पहेली कुछ ऐसी है कि - एक शेर की पहली पंक्ति मैं लिखता हूँ, आप लोग उसे पूरा करने का प्रयत्न करें। दूसरी लाइन कुछ भी हो सकती है। यानी की जरूरी नहीं कि "सीरियस" टाईप की ही हो।
वैसे मेरे पास भी एक 'दूसरी' लाइन है, पर देखते हैं कि दूर दूर बैठे हम लोग एक जैसा सोच सकते हैं या नहीं।
तो लीजिये, पहली लाइन है:
शाम जवान है ....
अब आपकी बारी।
Tuesday, November 27, 2007
Thursday, November 22, 2007
वो २१५ किलोमीटर
नून तेल लकड़ी पर नई पोस्ट चढाई है।
कुछ तकनीकि कारणों से मेरा वह ब्लाग नारद की नज़रों में नहीं चढा है, इसलिये उसकी कड़ी यहाँ दी है।
वो २१५ किलोमीटर
धन्यवाद.
कुछ तकनीकि कारणों से मेरा वह ब्लाग नारद की नज़रों में नहीं चढा है, इसलिये उसकी कड़ी यहाँ दी है।
वो २१५ किलोमीटर
धन्यवाद.
Monday, November 19, 2007
३० से ३
** यह पोस्ट यहाँ से हटा दी गई है **
दरअसल यह मेरे दूसरे ब्लाग नून तेल लकड़ी के लिये थी जो गलती से यहाँ छप गई थी।
गलती सुधार ली गई है, और अब आप यह पोस्ट यहाँ देख सकते हैं।
धन्यवाद।
दरअसल यह मेरे दूसरे ब्लाग नून तेल लकड़ी के लिये थी जो गलती से यहाँ छप गई थी।
गलती सुधार ली गई है, और अब आप यह पोस्ट यहाँ देख सकते हैं।
धन्यवाद।
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