Thursday, September 07, 2006

आईये, आज "वन्दे मातरम्" गाएं।

वन्दे मातरम्

सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

शस्य श्यामलां मातरम् ।

शुभ्र ज्योत्स्न पुलकित यामिनीम

फुल्ल कुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्,

सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् ।

सुखदां वरदां मातरम् ॥ वन्दे मातरम्...


सप्त कोटि कन्ठ कलकल निनाद कराले

निसप्त कोटि भुजैब्रुत खरकरवाले

के बोले मा तुमी अबले

बहुबल धारिणीं नमामि तारिणीम्

रिपुदलवारिणीं मातरम् ॥ वन्दे मातरम्...


तुमि विद्या तुमि धर्मं, तुमि ह्रदि तुमि मर्मं

त्वं हि प्राणाः शरीरे

बाहुते तुमि मा शक्ति,

ह्रदये तुमि मा भक्ति,

तोमारे प्रतिमा गडि मंदिरे मंदिरे ॥ वन्दे मातरम्...


त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी

कमला कमलदल विहारिणी

वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्

नमामि कमलां अमलां अतुलाम्

सुजलां सुफलां मातरम् ॥ वन्दे मातरम्...


श्यामलां सरलां सुस्मितां भुषिताम्

धरणीं भरणीं मातरम् ॥ वन्दे मातरम्

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(श्री रा.च.मिश्र जी के सुझाव से दुरुस्त किया गया)

Tuesday, September 05, 2006

चोर पर मोर!!





आपने बॉलीवुड को हॉलीवुड की नकल करते तो कई बार देखा होगा, पर आज ये देखिये, जब अपने यहाँ की नकल होती है तो क्या नया रंग उभर कर आता है.

हँसते हँसते पेट में बल पड़ जायेंगे, थोड़े ढिले-ढाले कपड़े पहन कर बैठियेगा, वरना बाद में कहेंगे कि 'बताया नहीं था' ... हाँ..!!

हवाई परदा!!



लीजिये, अब, हवा में ही तस्वीरें देखिये.

तकनीक कहाँ से कहाँ पहुँच रही है? कुछ खबर भी है??

Sunday, September 03, 2006

क्या ताजमहल वाकई हिन्दु मंदिर था?

यहाँ देखिए.
 
 
यहाँ कुछ तथाकथित सबूत, मय तस्वीरों के दिये हुये हैं.
 
आपकी क्या राय है?
 
 

Friday, September 01, 2006

कहाँ गये वो दोस्त..!!

कहाँ गये वो दोस्त, जो हरदम याद किया करते थे...,
जान - बुझकर न सही, मगर भूले से भी मेल किया करते थे...,
खुशी और गम में हमारा साथ दिया करते थे...,
लगता है सब खो गया है ... प्रोजेक्ट्स की डेड्लाइन्स में...,
न अपनी न हमारी, जाने किसकी यादों में...,
ज़िन्दगी को भुला चुके हैं, नौकरी की आड में...,
हरदम फ़ँसे रहते है, अपने पी.एम. के जाल में...,
कभी आओ मिलो हमसे, बैठकर बाते करो...,
दर्द - ए- दिल अपना कहो, हाले - ए - दिल हमारा सुनो...,
क्या रंजिश, क्या है शिकवा, क्या गिला और क्या खता... ;
हम भी जाने तुम भी जानो, आखिर क्या मंज़र क्या माजरा...,
बस भी करो अब...
कह भी दो, अपने दिल का हाल,
क्या करोगे खामोश रहकर
जो चली गई ये ज़िन्दगी, चला गया ये कारवां...;
जागो प्यारे...! अब बस भी करो,
सिर्फ़ काम नही, थोडा ज़िन्दगी को भी महसूस करो...,
खाओ, पिओ, हँसो, गाओ, झूमों, नाचो, मौज करो...,
हकीकत में ना भले पर कम - से - कम ...
.. भूल से ही सही हमें याद तो करो...
हम तो हरदम देंगे यही दुआ आपको..
याद न भी करो तो क्या, चलो, एन्जॉय ही करो।
 
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(एक फ़ार्वर्डेड मेल का हिन्दी रुपांतरण)