हाँ भई, पता है पता है, अब आप लोग तो यही कहेंगे कि -अरे खुरामा खुरामा शादी हुई है..और ये विचार? है ना?
तो जनाब बात ये है कि (शादी के बाद) पहली पहली दिवाली है...तो सारे परिवार के साथ खुशियाँ मनाते, दोस्तों के बीच हुडदंग होता, मगर कहाँ?? घर से कोसों दूर...पड़े हैं अलग-थलग किसी और दुनियाँ में. अकेले-अकेले (हाँ यार..! मैडम तो है, पर मैं - हम दोनों अकेले-अकेले हैं - ऐसा कह रहा हूँ).
दिवाली के पहले की साफ़ सफ़ाई, फ़िर घर की सजावट - फ़ूलों के हार, लाईटिंग वगैरह, फ़िर दिये बाती, नये कपडे, आतिशबाजी, पटाखे, आस पड़ोस में मिलने जुलने जाना, दोस्तों रिश्तेदारों का अपने घर आना.
यह पहली दिवाली होगी जब- हम अपने परिवार के साथ नहीं हैं.
इसके पहले तो ऐसा होता था कि - जहाँ भी होते थे, जैसे तैसे कर के, दिवाली के समय घर पहुँच ही जाते थे. तो इस बार, ऐसा कुछ नहीं है.
और फ़िर ईद! आहा! सिवैयां...शीर खुरमा डली हुई सिवैयां!! अभी तक तो कहीं से इस बार ऐसा कुछ होता नज़र नहीं आ रहा. :(
वैसे, वीकेण्ड जोड़ कर चार दिन की छुट्टियाँ तो हैं - पर वो क्या है ना कि - नंगा नहायेगा क्या, निचोडेगा क्या.
अमा यार आने जाने में ही चार दिन निकल जायेंगे हैं - हाँ कहने को जरुर सिंगापुर "पास" में है.
अब हम यह जरुर सोचते हैं कि काश हमारा परिवार बंगलौर या चेन्नई या फ़िर हैदराबाद में होता, कम से कम डायरेक्ट फ़्लाईट तो होती. अब इंदौर जाना हो तो पहले मुंबई उतरो, फ़िर अगली सुबह इंदौर की फ़्लाईट पकडो.
तो जनाब, आपको बताया जरुर जायेगा कि सिंगापुरी दिवाली कैसी रही - क्या कहा? कब?? अरे यार दिवाली होने तो दो. :)
तब तक तो आप, हमारी दोनों की तरफ़ से दिपावली और ईद की हार्दिक शुभकामनाएँ तो रख ही लीजिए.
मनाएं पर्व,
घर आई घड़ियाँ
है खुशियों की.
दिवाली! ईद!
लो शुभकामनाएँ,
हम दोनों की.
-
प्रणोति व विजय वडनेरे
सिंगापुर.
२१ अक्तुबर २००६
3 comments:
अप से किस ने कहा कि शादी करलो ? हां, अब भुगतो ;) ;)
आपको दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
आप दोनों को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें एवं उज्जवल भविष्य के लिये मंगलकामनायें.
विजय,
अगले त्योहार पर जब अपनों की याद आये, तो बस सिंगापुर में हमारे घर चले आना। मिल कर दिये जलायेंगे - साथ में।
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