मैं आज आप सभी भाई बंधुओं का ध्यान एक "गहरे षडयंत्र" की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ।
आज (इन्फ़ैक्ट - कल, टू बी मोर प्रिसाईज़) मेरे साथ हुआ, हो सकता है आगे भी किसी और के साथ ऐसा हो जाये, सो पहले ही आपको आगाह कर देना चाहता हूँ।
आपको पता ही होगा कि आजकल कोई भी मशहूर चोर, चोरी के बाद मौका-ए-वारदात पर अपना "हस्ताक्षर" छोड़ जाता है ताकी लोग जान जायें कि ये किसकी "करतूत" है (अब ये भी नहीं पता तो भई "धूम २" देख लो) ठीक इसी तर्ज पर आजकल ब्लाग जगत में भी एक इसी तरह का क्रिमिनल खुल्ले आम घुम रहा है।
उस "क्राईम मास्टर गोगो" ने भी अपना एक स्टाईल विकसित कर लिया है। वैसे वो "क्रिमिनल" है तो काफ़ी होशियार। किसी का भी गला इस तरह से काटता है कि कटने वाले को पता भी नहीं चलता कि कब गर्दन कट गई। क्या कहा? यकीं नहीं होता, हमारे आर्काईव से यह खबर पढें। अब तो आया ना यकीं?
तो मैं बता रहा था कि किस तरह से इस मास्टर माईंड क्रिमिनल ने अपना टेरर (आतंक) फ़ैलाया हुआ है, कि अगर कोई क्राईम किसी छोटे मोटे चोर ने भी किया हो तो पहला "शक" डायरेक्ट और बिलाशक "क्राईम मास्टर गोगो" पर ही चला जाता है। और वो ही सारा का सारा "क्रेडिट" ले जाता है।
अब आप ही कहो, कोई भला मानुष, दिन भर की हाड़-तोड़ मेहनत के बाद, कुछ नेक काम करे, और उस पर भी उसका क्रेडिट कोई भलता ही ताड ले, तो दिल दुखेगा कि नहीं? बताओ..! बताओ..!! टेल ..टेल..!!
अब मैं यहाँ क्राईम के शिकार और क्रिमिनल का अता पता तो नहीं बताता...! मगर हाँ, क्राईम सीन १ और क्राईम सीन २ पर जरुर ले चलता हूँ. इसके पहले कि कोई आ के सबूत मिटा जाये, आप सब गवाहों की लिस्ट में आ जाओ।
जहाँ तक षडयंत्र की बात है - वो ऐसा है कि - बड़ी मछली छोटी मछलियों को ऐसे ही तो खा जाती है - जब मार्केट में बड़े बड़े लोग ही सारे क्राईम करेंगे तो हम जैसे छोटे-मोटे उठाईगिरों का पता नहीं क्या होगा? आज एल मामूली सी टिप्पणी के जरिये नाम चुरा लिया गया है, कल हो सकता है मेरी पोस्ट ही तड जाये!! आप लोग भी होशियार रहियेगा।
जाने क्या होगा रामा रेऽऽऽऽ ....जाने क्या होगा मौला रेऽऽऽऽऽऽ
वैसे थोड़ा बहुत करमचंद और शर्लाक होम्स बनने का मौका दे दिया है आपको, फ़िर भी यदि नहीं समझ पाओ तो हमसे पुछना बाद में.
Thursday, November 30, 2006
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5 comments:
interesting case. my dear Watson.
मामला तो गम्भीर है, पहले कोई जितुभाई के नाम से अब आपके नाम से टिप्पणी कर रहा है.
यह पोस्ट तो आपने ही लिखी है ना.
- मेरा नाम "वाटसन" नहीं "विजय" है!! :D
- संजय भाई - अरे कोई मेरे नाम से टिप्पणी नहीं कर रहा, ये तो "मिसअंडरस्टेण्डिग ऑफ़ आईडेंटिटी" का केस है.
पहले विचार आया था कि सुनील जी को मेरा गीत पसंद करने के लिये धन्यवाद तो दे दूँ, मगर जब देखा कि लफड़े में आपका इन्वालमेंट है, तो सोचा कि बधाई तो मिल ही चुकी है, चुपचाप रख लेता हूँ. :)
चलो, खैर, गवाह जुटाओ, फिर केस शुरु किया जायेगा. :) वैसे मैने सुनील जी उस पोस्ट पर टिप्पणी नहीं की थी मगर मन मन में गुनगुनाया जरुर था शायद वही आवाज ट्रेवल कर गई. :)
इटली में रहेंगे तो यह सब तो करेंगे ही।
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