Monday, August 17, 2009

कहाँ है हमारा स्वाभिमान?

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति को हमारे ही देश में एक विदेशी एयरलाईंस के कर्मचारी द्वारा हवाईअड्डे पर तलाशी के नाम पर रोका जाता है। और इस गंभीर बात की अखबारों में तक खबर नहीं बनती।


जबकि हमारे एक "अभिनेता" को एक दूसरे देश में उसी देश के अधिकारियों द्वारा इम्मीग्रेशन के लिये रोका जाता है, और अपने देश का मीडिया सुबह शाम उसी खबर को बढा-चढा कर परोस रहा है।


इसे विडंबना कहें? या यही है हमारा (सोया हुआ) स्वाभिमान?

Sunday, August 02, 2009

बच गये...

अभी अभी आया है फ़ैसला . . .और शायद यही शब्द आये होंगे दिल्ली के दोनो छोरों के घरवालों के मन में ... !!

आपके मन में क्या आया??