अभी अभी आया है फ़ैसला . . .और शायद यही शब्द आये होंगे दिल्ली के दोनो छोरों के घरवालों के मन में ... !!
आपके मन में क्या आया??
Sunday, August 02, 2009
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24 घंटे कम नहीं होते। बहुत कुछ घटता है। आपके साथ, आपके अपनों के साथ, और अनजानों के साथ भी। व्यक्ति विशेष नहीं होते, घटनाएँ विशेष होती हैं, यही सब पाएंगे आप यहाँ।
1 comment:
मेरी पोस्ट छपने का ही इन्तज़ार कर रहे थे क्या ? :)
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