Wednesday, March 22, 2006

फ़िर ना कहना कि बताया नही...

ऎसा ना हो कि:-
सांप निकल जाय और आप लोगों के पास लकीर पीटने के अलावा कुछ ना बचे!
या फ़िर चिडिया खेत चुग जाये और आप लोग बस पछताते ही रह जायें!
या फ़िर "का वर्षा जब कृषि सुखानी" इस टाईप का कुछ हो जाये!

याने कि बचपने में सुनी हुई ऎसी कोई भी कहावत आपकी आपबीती ना बन जाये,
और आप लोगों को मुझसे मुँह छिपाते फ़िरना पडे.

ऎसी किसी भी शर्मनाक स्थिति से आपको बचाने के लिये ही मैं आज ये लिखने बैठा हूँ.

तो बन्धुओं, भाईयों और बहिनों, दोस्तों और दोस्तनियों, नियमित मेरे ब्लाग पर भ्रमण करने वालों, और अनियमित रुप से पधारने वालों, यहाँ तक कि भूले भटके आने वालों से भी मेंरा नम्र निवेदन है कि आप लोग अभी से बचत करना प्रारंभ कर दीजिये, बाद में पैसे वगैरह की किल्लत का बहाना नहीं चलेगा और ना ही हम ये सुनेंगे कि महीने के आखिरी दिन है वगैरह वगैरह.

क्या? क्या पुछ रहे हैं? क्यों?

अरे! आज से ठीक ७ दिनों बाद हमारी जन्म की वर्षगांठ है,
याने कि सालगिरह,
याने कि जन्मदिन,
याने कि अपना हैप्पी बड्डे टू यू है यार!

क्या कहा? जमा की गई धनराशि का क्या करना है ?

अरे यार, आप भी अजीब हो, अरे जन्मदिन पर खाली हाथ चले आओगे क्या?
कोई गिफ़्ट-विफ़्ट लाने का इरादा है कि नही?

जैसे:-
जीतू भैय्या कुवैत से एक आध छोटा मोटा तेल का कुँआ देने वाले हैं,
मिश्राजी अपनी रसायनशास्त्र की कुटी में से मेंरे लिये कुछ "आयु घटाओ" वटी बना कर देने वाले हैं,
रवि जी तो मेरे लिये अपने कुछ अनुवाद लाने वाले हैं,
तरुण और रमण कौल जी तो अमरीका से कुछ भारी ही चीज ला रहे लगता है,
पंकज एवं संजय बेंगाणी जी अहमदाबाद से मेरे लिये ताजा तरीन ब्लाग शुरु करने वाले हैं,
अनुनाद सिंह जी तो अपने इन्दौर ही के हैं, नमकीन और सराफ़े की मिठाईयों के अलावा कुछ और लाने का सवाल ही कहाँ,
हाँ, समीर लाल जी कनाडा से उडनतश्तरी ही भेजने वाले हैं ऎसा लगता है.

हाँ बाकी आप लोग आपस में सिन्क्रोनाईज्ड रहिये, ऎसा ना हो कि कोई एक ही गिफ़्ट दुबारा मिल जाय.

तो मित्रों याद रहे २९ मार्च २००६ (सन भी लिख दिया है ताकि गडबडी की कोई गुंजाईश ना रहे) तक आप सबके तोहफ़े मिल जाने चाहिये, वरना ऎसा 'कुलबुलाऊंगा' कि आप लोग अपना ब्लाग भी मेरे नाम कर देंगे.

आपका अपना - विजय वडनेरे

6 comments:

Jitendra Chaudhary said...

विजय भाई, तुम पहले डिसाइड कर लो, जन्मदिन है कि सालगिरह।दोनो मे फर्क है। जन्मदिन है तो मतलब है कि अभी इस दिन पैदा होने वाले हो (२००६ वर्ष भी लिखा है) फिर तो छोटा सा झुनझुना भी काफी रहेगा। और यदि सालगिरह है, तो बताना जरुरी है कि कौन सी सालगिरह है। हर उमर के साथ साथ उपहार बदल जाते है।वैसे यार ये बात अपने अपने को समझ मे नही आती।लोग महीने के आखिरी में क्यों पैदा हो जाते है,अबे एक हफ़्ता रुक कर नही पैदा हो सकते थे, कम से कम सैलरी डे के बाद पैदा होते, तो पड़ोसियों का बजट तो नही बिगड़ता। खैर अब का हो सकता है। एक और बात भी डिसाइड कर लो, तुम जन्मदिन पर खुश हो या दु:खी तो फिर उसी हिसाब से ट्रीटमेन्ट किया जाए।पता लगा हमने सांत्वना दी और तुम नाराज हो गये। या फिर वाइस वर्सा। तो डिसाइड करके बता रहे हो ना?

RC Mishra said...

आपको याद होगा! उस दिन वाले अभिकारक की अभिक्रिया से बना पदार्थ,अब चूंकि समय कम है इसलिये परीक्षण और फ़िर सत्यापित करने का मौका आपको ही मिलेगा।

Anonymous said...

Aajkal yehan bhari bharkam americano ki tadaad barti ja rahi hai, agar shaadi nahi hui hai to batao ek bhaari bharkam mam khiska den singapore ki teraf....

विजय वडनेरे said...

जीतू भैय्या: जैसे कि उम्मीद ही थी, आपसे सीधे सीधे उपहार के बदले एक घुमावदार बहाना ही मिलेगा. चलो आपके सवाल का जवाब तो दे ही दिया जाय.सालगिरह ही है, वो भी २९वीं, अब महीने के आखिरी वाली बात का तो कौनो जवाब नहीं है, रही बात खुशी या दुःख की - तो भाई एसा है कि अच्छे उपहार मिले तो खुश वर्ना..!

मिश्र जी: अब तक बहुत कुछ पचा लिया है, आपकी अभिक्रिया भी देख लेते हैं. सत्यापित तो हम कर दें, मगर फ़िर कापीराईट हम ही लेंगे.

तरुण: नहीं यार ऎसी गडबड ना करो, नहीं तो हमारे बाजे बजते बजते हमारा बैण्ड बज जायेगा.

रवि रतलामी said...

आपका आग्रह स्वीकृत.

ये पोस्ट देखें, पढ़ें, समझें और अंगीकार करें.

http://hindini.com/ravi/?p=165

जन्मदिन की शुभकामनाएँ!

Udan Tashtari said...

उडन तश्तरी भेजी थी और साथ मे काफी गिफ्ट भी।
आज बैरंग वापस आ गई, आप पार्टी मे कहीं गायब थे।
खैर,जनमदिन बहुत मुबारक,अब अगले साल पहले भेज दूँगा।

समीर लाल