यह वाक्य पहले कई बार सुना था, मगर आज यह खुद महसूस कर रहा हूँ.
सिंगापुर से वापस भारत जाने से पहले एक पोस्ट लिखा था. सोचा था कि भारत जा कर विस्तार से घोषणा करूंगा.
मगर, पता नहीं था कि अपना कम्प्यूटर भी चालु करने से महरूम कर दिया जाउंगा. इसलिये कुछ नहीं लिख पाया.
अब बात को और झुलाते नहीं हैं, और (सगर्व) यह घोषणा करते हैं कि अब हम शादीशुदा लोगों की बिरदरी में पदार्पण कर चुके हैं.
हालिया ९ मई २००६ को हम इन्दौर शहर की ही कु० प्रणोती के साथ दांपत्य जीवन की डोर में बंध चुके हैं.
हालांकि बहुत कुछ लिखना चाहते थे, मगर शादी की भागा दौडी के बीच कुछ सुझा ही नहीं,
और ना ही हम ब्लाग बिरादरी को न्योता दे पाये. आशा है इसके लिये बंधुगण हमें क्षमा करेंगे.
शायद आप सभी बंधुओं की और आपकी शुभकामनाओं की अनुपस्थिति का ही परिणाम है कि आज हम "फ़ोर्स्ड बैचलर" बन कर वापस सिंगापुर आ गये हैं.
यानि कि अभी हमारी मैडम, क्या कहा? कौन? अरे यार याने हमारी धर्मपत्नी जी, और नाम? उपर लिखा है ना नाम, फ़िलहाल तो हमारे परिवार के साथ हमारे गृहनगर में ही है, और थोडे समय बाद याने कि २०-२५ दिनों बाद सिंगापुर में हमारे साथ आयेंगी.
हम तो नहीं चाहते थे आना, पर क्या करें? नौकरी है तो चाकरी बजानी पडती है.
यहाँ से गये कैसे,
विवाह कैसा हुआ, क्या क्या गडबडियां हुई,
आये कैसे,
आते जाते समय रास्ते में क्या हुआ,
जरुर लिखुंगा और विस्तारपूर्वक लिखुंगा.
कृपया थोडा समय दें.
फ़िलहाल इतना ही, बाकी बाद में.
13 comments:
सफल,सुखी वैवाहिक जीवन के लिये मंगलकामनायें।
विजय और प्रणोती, आप दोनो को विवाह की शुभकामनाएँ और यह दुआ कि दूरी के दिन जल्दी बीतें, ताकि आप दोनो मिल कर हिंदी में चिट्ठे लिखें. :-)
सुनील
विजय भाई
आपको विवाह की ढेरों बधाई एवं सुखी वैवाहिक जीवन के लिये मंगलकामनायें।
समीर लाल
विजय भाई,
वैवाहिक जिवन की हार्दिक बधाई ! हम उम्मीद करते है कि आपके ये २०-२५ पहाड जैसे लम्बे लम्बे दिन जल्दी बित जाएं
आशीष
वैसे मन्ने तो सिन्गापूर मे कुछ गडबड लागे है, पिछ्ली बार मिल के नही आए थे, इस बार छोड कर आये हो.
इंतजार है 'जरुर लिखुंगा और विस्तारपूर्वक लिखुंगा' का|
मेरी ओर से भी सफल,सुखी वैवाहिक जीवन के लिये शुभकामनायें।
बहुत बहुत बधाई मेरी ओर से भी। :)
हालांकि बहुत कुछ लिखना चाहते थे, मगर शादी की भागा दौडी के बीच कुछ सुझा ही नहीं, और ना ही हम ब्लाग बिरादरी को न्योता दे पाये. आशा है इसके लिये बंधुगण हमें क्षमा करेंगे.
कोई नहीं जी, पार्टी मिलने के बाद आपको क्षमा कर दिया जाएगा!! ;) :D
आपको "उनका" इन्तजार और हमें पूरे किस्से का। विवाह की शुभकामनायें।
बहुत बहुत शुभकामनायें।
हनीमून मनाने आप यूरोप मे आयें॥
ढेर सारी शुभकामनायें
बधाीई ।
आप सभी की शुभकामनाओं के लिये हम दोनो की तरफ़ से तहेदिल से शुक्रिया स्वीकार करें.
सुनील जी: जरूर!
आशीष भाई: इस रीत को हमें ही बदलना पडेगा!
मिश्रा जी: वैसे हनीमून के लिये भारत से लोग सिंगापूर भी आते हैं, पर अब हमारे लिये तो ये लोकल हो गया है.
जैसे ही दफ़्तर के काम काज से फ़ुर्सत मिले और धर्मपत्नी जी की विरह वेदना कम हो, जरूर लिखता हूँ.
बिजे बईया, बोत बदाई
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