मुझे ऐसा लगता है कि हमारा तिरंगा सिकुड़ता जा रहा है शायद कुछ ही समय में दो तिहाई ही रह जाने वाला है ऊपर का एक तिहाई धीरे धीरे गलता जा रहा है नीचे के दो रंग ही रह जायेंगे अंतिम गति तो शायद आखिरी एक तिहाई तक जाकर ही थमने वाली है
काश, यह सपना ही हो! और कभी ऐसा दिन ना आए!!
Saturday, January 31, 2009
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1 comment:
इतनी हताशा ठीक नहीं!!
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