मैंने तंग आकर अपना लैपटॉप चालू कर लिया ताकि मैं कुछ काम कर सकू. यह देख कर मैडम ने आँखे तरेरी - कुछ इस अंदाज से कि - कभी तो मेरा साथ दिया करो.
उनकी आज्ञा सर माथे पर. लैपटॉप साइड में रखकर मैं भी समझने की कोशिश करने लगा.
यूं तो मैं ख़ुद को बड़ा समझदार समझता हूँ, पर उस वक्त हर चीज/बात मेरे सर के ऊपर से जा रही थी. मेरी सारी कोशिशें बेकार हो रही थी. मुझे ख़ुद पर झल्लाहट भी होने लगी थी.
थोडा समय बीतते न बीतते मैडम ने भी हथियार डाल दिए. और मौका देख कर मैंने भी अपना लैपटॉप चालू कर लिया. मगर उत्सुकता तो थी ही, सो, बीच बीच में मैं भी सर उठा कर देख रहा था. पर जितना दिमाग लगाता उतना ही कन्फ्यूज होता जा रहा था.
कभी कभी मैडम से नजरें मिलती थी, दोनों बिना किसी भाव के एक दूसरे को देखते थे, कभी रोनी सूरत बना कर एक दूसरे को दिलासा देते थे, कभी अचानक ख़ुद पर ही जोर से हँस कर माहौल सामान्य करने की चेष्टा करते थे.
हम दोनों ही अब इस बात का इंतजार कर रहे थे कि कब यह प्रताड़ना ख़त्म होगी. कब हमे इससे निजात मिलेगा.
हम दोनों ही देख रहे थे कि पैसा तो खूब खर्चा किया हुआ है, मगर फ़िर भी किसी चीज की कमी बुरी तरह खल रही थी.
उस न दिखने और न समझने वाली चीज को हमने खूब खोजा मगर अफसोस वो हमे कहीं नजर नहीं आई. एक लड़का था, और एक लड़की भी. अनजाने चहरे थे. साथ में और भी लोग थे. अधिकतर जाने पहचाने. कुछ तो बोल रहे थे. और बड़ी देर से बोल रहे थे. समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या बोल रहे हैं, और क्यों बोल रहे हैं.
लडके लड़की को बोलना आता है, ये दिखाने के लिए उनसे क्या क्या नहीं बुलवाया गया, सुनते सुनते हमारे सर में दर्द हो उठा, बेचारों को बोलते समय कितना कष्ट हुआ होगा. ऐसा लग रहा था -मानो तेज तेज बोलने की स्पर्धा हो रही ही. लडके ने "gym" में मेहनत की है - ये बताने के लिए उसे क्या क्या " नहीं" पहनाया गया और लड़कियाँ तो जैसे होती ही हैं शरीर दिखाने के लिए.
कितना खर्चा किया गया होगा, ये सोच कर मैं बड़ा दुखी हो जाता हूँ. किसी एक के दिमाग की उपज (या सनक) के कारण कभी कभी ऐसी चीज सामने आ जाती है तो जो ना निगली जाती है और ना उगली जाती है.
मैं तो यह सोचता हूँ कि कोई अपना पैसा किस तरह से इस तरह की चीज बनाने में लगा सकता है? किसी के पास भंसाली जी का इमेल पता या फ़ोन नम्बर हो तो मुझे दीजियेगा - मुझे पूछना है उनसे - इसे बनाने का आईडिया आपको कहाँ से मिला? और कृपया मुझे बता दें कि इसकी कहानी क्या है? और आपके आसपास क्या ऐसा कोई नहीं है जो आपको सही सलाह दे सके?
हमारा तो ये अनुभव रहा "सांवरिया" देख कर. आप अपना अनुभव बताएं.
(कृपया ध्यान दें: यह मूवी रिव्यू नहीं है, इसे आईडिया रिव्यू कह सकते हैं.)
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