Wednesday, June 03, 2009

ऑनलाईन फ़ाईल कन्वर्टर

आपने मेरी पिछली पोस्ट में वीडियो देखा ही होगा, क्या कहा? नहीं देखा, कोई बात नही यहाँ से देख लो। यह मेरा पहला वीडियो है मेरे ब्लाग पर। अब उस वीडियो के ब्लाग पर आने की दास्तान भी पढ़ लो।

हाँ तो हुआ ऐसा था कि मैने अपने मोबाईल से वीडियो लिया था जो कि 3GP फ़ार्मेट में था, उसे मुझे यहाँ पोस्ट करना था। ब्लागर के ही टुलबार में "Add Video" बटन दिया गया है, जिससे कि ब्लाग पोस्ट में ही वीडियो लगा सकते है। ये uploaded वीडियो शायद गुगल वीडियोज़ में स्टोर हो जाते हैं। अब इसमें limitation यही थी कि ब्लागर सिर्फ़ AVI, MPEG जैसे १-२ फ़ार्मेट ही स्वीकार करता है।

अब आई मुसीबत फ़ार्मेट बदलने की।

पहले तो मैने सोचा कि कोई मुफ़्त का सॉफ़्टवेअर मिल जाये तो इंस्टाल कर लूँ, पर आजकल अपने लैपटाप पर कोई भी सॉफ़्टवेअर इंस्टाल करने से पहले १० बार सोचता हूँ।

फ़िर इंटर्नेट पर ही ढुँढ रहा था कि मेरा एक (कजिन) भाई (आशीष) ऑनलाईन नजर आया। मैने यों ही उससे पुछ लिया। उसने दो मिनिट में ही दो हल बता दिये। पहला तो कोई टूल इंस्टाल करने का था। दूसरा ऑनलाईन था। जाहिर है मैने दूसरा ही पहले (और आखिरी) देखा।

आप भी देखिये: www.media-convert.com

जाने कितनी तरह के तो फ़ार्मेट से कितनी ही तरह के फ़ार्मेट में कन्वर्शन की सुविधा दी गई है। बीसीयों advanced options भी हैं। मुझे तो कुछ जरुरत नहीं पड़ी। default settings से ही मेरा काम हो गया। युजर इंटरफ़ेस एकदम सीधा-सच्चा, सरल सा। बिलकुल १-२-३ की तरह आसान।

१- पहले अपने सिस्टम से जिस फ़ाईल को कन्वर्ट करना है उसे select करें।
२- source फाइल का फ़ार्मेट अपने आप select हो जायेगा, बस एक बार check कर लें।
३- जिस फ़ार्मेट में फ़ाईल वापस चाहिये उसे select करें।
बस, OK बटन दबायें।

फ़्री साईट होने की वजह से हो सकता है कि कन्वर्ज़न में थोड़ी देर लगेगी, पर काम एकदम चोखा होगा।
चाहें तो उसी वक्त download करें, या फ़िर ईमेल के द्वारा मंगवा लें, और तो और, चाहें तो सीधे मोबाईल पर download करें।

कुल मिला कर - एक बढिया ऑनलाईन टूल। (वो भी फ़ोकट) यानि कि सोने पे सुहागा!!

तो फ़िर देर किस बात की? हो जाईये शुरु, और दनादन घरभर के बदल डालिये -- फ़ार्मेट! :)

6 comments:

Himanshu Pandey said...

बेहतर वेबसाइट का लिंक दिया आपने । आभार ।

RC Mishra said...

भाई साहब आप क्यो सोचते हैं दस बार और टाइम बरबाद करते हैं? हम तो कभी नही सोचते।
बताइयेगा जरूर आप दस बार क्यू सोचते हैं?

Science Bloggers Association said...

बढिया जानकारी है। आभार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

विजय वडनेरे said...

मिस्रा जी: हम थोड़ा हटके हैं, सोच-समझ कर ही समय बरबाद करते हैं। :)
जहाँ तक दस बार सोचने का सवाल है तो उसका कारण यह है कि शुरु के दस सवालों में ही हमारी सारी उट-पटाँग सोच कवर हो जाती है। ही ही ही।

काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arif said...

काफ़ी अच्छी जानकारी दी है आपने, मेरे ब्लोग पर आज आप नज़र कर ले आपकी बात का जवाब दिया है मैने

संजीव said...

sir ji online tool kyon prayog karte hai. is site se format factory software download karen:
http://www.formatoz.com/
aur format ofline change karle.
Ye video, audio aur photos ke format change karne ke bhi kam aata hai.....aur sabse badi baat....ye sab bilkul muft...trust me...I'm using it from one year.