आज में भोत घुस्से में हूँ. वेसे तो में भोत दीनों सेईच्च घुस्से में हूँ पन के आज रिया हूँ. अरे यार भीया, मेरे से तो बिल्कुल ही स्हेन नी हो रिया हेगा. सच के रिया हूँ यार भीया. दीमाक का तो एक्दम से दहीच्च हो गीया हेगा.
हींया तो जिस्को देखो वोईच्च दूसरों को हड़काने में लगा हुआ हेगा. हूल दे रिया हेगा.
- देख लुँवा...
- जे कल्लुँवा...
- वो कल्लुवाँ...
- ठूँसा मार दो...
- कीक दो...
- सर फ़ोड्दो
ओन्नजाने क्या क्या.
अरे यार अब इत्ती शानपत्ती तो अपने ईन्दोर में भी नी होती. अपने हीयाँ के लोग तो कीसी से भी फ़ालतू फ़ोकट में नीं लड़ते. ओर हीयाँ तो देखो, जेसे कोई लड्ड्ने का कोई काम्पीटीसन हो रिया हेगा. और नी तो हाँ यार. जेसे कोई जो जीत्जायेगा उस्को कोई ईनाम-विनाम मीलेगा. (वेसे कोई रखा हेगा क्या ईनाम-विनाम? - क्या हे ना कि अपन तो भोत दीनों बाद आये ना तो अपने को पता नी हेगा)
पन फ़िर भी यार जो अपन पड्रये हें ना, अपने को सई बोलूँ तो ठीक नी लग रीया हेगा.
अरे अभीच्व तो कीसी ने लिखा था कि लिख्ने के लिये टोपिक कम पड्गये क्या? अरे यार कित्ती सारी बाते हेंगी उन पे लिखो ना यार भीया.
पन भीया अपन तो एक्दम सच्ची बोल्ते हेंगे, जिस्को जो लिख्ना हेगा बो लिख्ते रये अपन को क्या? अपन को क्या अड़ी हेगी क्या उन्का लिखा पड्ने की? जा भीया जा, लिख्ता रे, पन्ने काले किये जा, खुद्की उँगलियाँ फ़ोड़े जा, अपन को क्या? अच्छा ही हे, फ़ाल्तु का लिख लिख के अपना कीबोरड फ़ोड्लो, फ़ीर जब अच्छा लिख्ने का मन भी करेगा ना, तब भी नी लिख पाओगे. ओर जब तलक अच्छा लिखोगे तब तलक तो बाकी लोग कन्नी काट लेन्गे बस्स. फ़ीर तो क्या हे, खुद लिख्ना और खुदईच पड्ना.
फ़ीर अपने कने मत आना, की भीया कोई पड्नी रिया हे. अपन तो पता हे फ़िर एकीच्च बात बोलेंगे - जेसी कन्नी, वेसी भन्नी. हाँ.
पन भीया, अपन के घुस्से का येईच एक कारन नी हे. एक ओर कारन हेगा. ओर वो ना थोडा पिरसनल टाईप का हेगा.
अपन को यार एक बात नी समझ में आती हेगी, अपन भी लिख्ते हेन्गे ओर अपने यार लोग भी लिख्ते हेन्गे पन यार जे नी समज में आता की अपने बिलाग पे इत्ते कम ठप्पे* क्यों लगते हें, बिल्कुलईच सूमसाटे पडे रेते हें. जब्की दूसरों के देखो तो ओवरफ़ीलो हो रये होते हें.
अपन ने तो चुटकुला लीखा, कविता लीखी ओर भी तो कित्ता कित्ता सारा लिखा यार, पन लोगबाग आतेईच नीं हेंगे.
ओर आते भी होंगे तो अपने निसान ही नी छोड़ते, तो अपन को केसे पता चलेगा की कोन आया गया.
ओर ना भीया मेरे को सब पता हेगा कि आप लोग कीया सोच रये हो, येई सोच रये हो ना कि - बेटा खुद्तो कईं लिख्ता नईं, तेरे वाँ क्यों लीखें. हे ना? अरे यार भीया मेरे हीया से नारद ओर बिलाग खुल जाते हें जेई क्या कम हेगा. अरे यार मेरे हापिस से तो सब कुछ बिलाक कर रखा हेगा यार. मेसेज करने वाला पेज ही नी खुलता हे यार. बिलागर डाट काम तक बंद हेगा.
अरे सच्ची, गोली नी दे रिया हूँ. क्या? क्या के रये हो? तो बिलाग केसे लिखता हूँ? अरे ईमेल से कन्ना पड्ता हे यार. सच्ची, कसम से.
तो भीया मेरे केने से दोईच्च काम कल्लो यार
पेला तो -
नफ़रत की लाठी तोड़ो,लालच का खंजर फ़ैंको,ज़िद के पीछे मत दौड़ो,तुम प्रेम के पंछी हो देशप्रेमियों,आपस में प्रेम करो देशप्रेमियों.
और दूसरा -
भरो...माँग मेरी भरो,करो.. प्यार मुझे करो...!!
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मिण्डी: स्हेन=सहन, माँग=टिप्पणियाँ. :)
ईक्का: ये मालवी (इंदौरी) हिन्दी हेगी.
दुर्री: जिस्को उपर लिखा समज में नीं आये वो सागर भीया से पुछ ले, उनकेई केने पर मेंने ऐसा लिखा हेगा.
9 comments:
वाह क्या इन्दौरी है! :)
भोती सनन पेल दी रे भई! ऐसी सूम मे लिका है की पड के आनन आ गया सई मे. अपने वां होता गले लगा लेता कसम से!
अपना मगच बी पिन्नाटी खा रिया है! ये बात से नी मान्ने के देखो आप, बिना किन्नी की लिप्पू पतंग सरीके तेडे धुस रिये हैं सालेहोन का फ़डफ़डाना बंदी नी हो रिया. लग रियाए एकाद्दो का गेम ओर डलेगा बाकी सब फ़िट्फ़ाट सईसाट - पिरामिस मान लो गुरु!
ज़े सई के दी भीया । मजा आ गिया । ओर कओ, मे के रा हूं केते रओ । केने में कोन सी फीस लगती हे । लग भी गई तो क्या । जल्दी जल्दी कओ । हम सुन रए हेंगे । अब के भी दो आर ।
सच्ची भिया, सच्ची. सनन एकदमे सनन...
वाह!! खालिस इंदौरी लहज़ा!! मजा आ गया!!
में तो केता हूँ कि भोती सई लिखा... वो क्या हे कि इदर लोगओन भोत दिन से फोकट जबरन मजगमारी कर रिए हें बड़े बड़े लोगओन ने समजा दिया पन अगले समजने को ई तैय्यार नी हें। अब क्या बोलते ये बिलाग पे कोई का मूँ तो बंद नी कर सकते हें तो फिर अपन ने भी सोच लिया कि भिड़ने दो भई ओन को... अपना क्या जा रिया। ओर क्या हे कि इत्ते दिन से तुमने लीखाईच्च नी ... फीर भीया लोग भूल जाएँगे तो मत केना
वाह, क्या लिखेला है भीड़ू, मजा आ गया! :D
अरे हो कहाँ भई!! बिना तुम्हारे मजा नहीं आ रहा. और वो अनुराग भी वहीं कहीं सिंगापुर में खो गये हैं. :)
cool post! :)
ही ही ही!
जे तो एक्दम से झक्कास काम हो गीया भीया.
मेरे कू अमीत भीया ने जे वाली जुगाड़ बताई ओर में तो देख लो हींया से रंगबाजी कन्ने लग्गीया.
पन बस्स भीया पिराबलम जे हेगी की "एनोनिमस" बन के कन्ना पडेगा. अपन ना, कोई रिक्स नीं लेन्गे पिराक्सी साईट पे लाग-इन कन्ने की.
विजय.
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