Friday, March 06, 2009

मेरा नया खिलौना




काफ़ी समय से सोच रहा था, और फ़िर अब तो जरुरत भी पड़ गई| मैडम जो मेरा पुराना वाला अपने साथ इंदौर ले गईं| और उनके तो जल्दी आने की संभावना भी नहीं है - कम से कम मई तक तो नहीं|

तो मैंने मौके का फायदा उठा लिया और ले ही लिया - नया खिलौना। आप भी देखिये:








यहाँ रही ओफिशिअल कड़ी

शायद आपको भी पसंद आए!! :)

2 comments:

Kajal Kumar said...

खिलौना तो भाई अच्छा है..लेकिन फोटो कुछ ज्यादा ही छोटी नहीं हो गयी ? :-)

विजय वडनेरे said...

काजल जी: कहा तो आपने बिलकुल सच है, परन्तु "जो हो गया सो हो गया" का भाव रखते हुए हमने इन्हें वैसे ही छोड़ दी। :)