समझते थे मगर फ़िर भी ना खुद को संभाला हम ने,
समझते थे मगर फ़िर भी ना खुद को संभाला हम ने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
युँ ही टीप टीप कर लिखना हमें मंजुर है लेकिन,
कभी खुद का दिमाग भी तो ना चलाया हम ने,
कभी खुद का दिमाग भी तो ना चलाया हम ने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
अनुप भैय्या ने किया ईशारा और बताया खुल के भी हमको,
मगर फ़िर भी ना अपना पोस्ट सुधारा हम ने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
क्यों दुरुस्त नही कर पाये हम यह गलती अपनी,
यही 'सफ़ाई' देने के लिये इतना और लिख डाला हम ने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
इसलिये अपना रिकार्डर ही खराब कर डाला हम ने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
अब आप हमको ढुँढेंगे और फ़िर फ़ोडेंगे शायद सर हमारा,
बचने के लिये अभी से हेलमेट पहन लिया हमने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
ये भी हो सकता है कि किसी छत से ढकेला जाये हमको,
तभी तो एक उडनतश्तरी का भी बन्दोबस्त है कर रखा हमने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
कोई टोना टोटका भी कभी हम पर ट्राय तक मत करना,
पहले ही से हनुमान चालीसा अपने ब्लाग पर है लिखा हमने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हम ने!!
समझते थे मगर फ़िर भी ना खुद को संभाला हम ने,
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हमने!!
लिखने के जोश में कर डाला है घोटाला हमने!!
3 comments:
विजय भाई
उङन तश्तरी आप ही के लिये है,
हम तो बैलगाङी से भी काम चला लेंगे,
बहुत अच्छा लिखा है,बधाई।
समीर लाल
बढ़िया है। बेतुकी बातें लिखने में थोड़ा सा तुक और मिला लो फिर तो तुम जीतेंदर को भी
पछाड़ दोगे।
बहुत बढ़िया विजय भईया, बहुत मज्जेदार लिखते हो।
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