(एक फ़ार्वर्डेड ईमेल का हिन्दी रुपांतरण)
प्रिय मित्रों,
हमें हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी का और उनके केबीनेट के सभी मंत्रीजनों का तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहिये जो उन्होने नौकरी में आरक्षण की बात उठाई.
हमें उनके इस कदम का स्वागत करते हुये अपना समर्थन देना चाहिये. और हो सके तो इस आरक्षण को जल्द से जल्द लागू करवाने हेतु जो भी बन पडे सब करना चाहिये.
साथ ही साथ, हमें हर फ़ील्ड में आरक्षण लागू हो ऐसी व्यवस्था भी करनी चाहिये. यहाँ तक की खेंलों में भी.
१. अपनी टीम में १० प्रतिशत स्थान अपने मुसलमान भाईयों का होना चाहिये.
२. ३० प्रतिशत अ.जा, अ.ज.जा, एवं अ.पि.व. के लिये.
३. बाकी बचे में सामान्य, भू.पू.सै. इत्यादि.
यही नही, क्रिकेट के नियमादि भी आरक्षण के अनुसार बदलने चाहिये:
१. क्रिकेट का मैदान आरक्षित वर्ग के लिये कम करना होगा.
२. किसी भी आरक्षित खिलाडी द्वारा मारा गया चौक्का - छक्के में, एवं छक्का - अठ्ठे में तब्दील होगा.
३. किसी भी आरक्षित खिलाडी द्वारा ६० रन पूरे करने पर ही उसे शतक मान लिया जाना चाहिये.
४. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से ये नियम लागू होंगे कि शोऐब अख्तर जैसे तेज गेंदबाज हमारे आरक्षित खिलाडियों को तेज गेंद नहीं फ़ैकेंगे.
५. तेज गेंदबाजी की अतिसीमा ८० कि.मी.प्र.घ. होगी, इससे तेज गेंद अमान्य करार दी जायेगी.
भारत को अपनी शक्ति एवं वरीयता का लाभ उठाते हुये ओलंपिक में भी आरक्षण लागू करवाना चाहिये:
१. १०० मी. की दौड में अपने आरक्षित खिलाडी द्वारा ८० मी. ही पूरे करने पर दौड पूरी मान ली जानी चाहिये.
हवाई जहाज कम्पनी में भी आरक्षण होना चाहिये:
१. पायलटों की भर्ती में आरक्षण होना चाहिये, और उन्हे हमारे माननीय नेतागणों के लाने ले जाने हेतु अनुबंधित किया जाना चाहिये.
चिकित्सा क्षेत्र में:
१. हमारे माननीय नेतागणों के चिकित्सा, इलाज हेतु सिर्फ़ आरक्षित वर्ग के ही डाक्टर, कंपाउंडर नर्स इत्यादि को अनुमति दी जानी चाहिये.
हमें हमारे भारत को और आगे ले जाने के लिये नये नये विचार सोचने चाहिये, तभी हम तरक्की कर पायेंगे, और अपने भारत पर गर्व कर पायेंगे.
अगर आपके पास और विचार हो तो अवश्य प्रकट करें.
जय हिन्द!!!
6 comments:
ये क्या!
और भी होना चाहिये,
ब्लाग लेखन
और टिप्पणी मे भी
आरक्षण होना चाहिये,
नारद की फ़ीड्स मे भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिये, प्रत्येक पन्ने पर कम से कम ५० प्रतिशत।
विजय भाई
एक मित्र को हिन्दी ब्लागिंग सिखाते हुये वो टिप्पणी delete हो गई। वैसे भी कोई खास बात नही थी।
समीर लाल
समीर जी,
बात आपके लिये खास नही होगी,
हमारे लिये तो आपकी टिप्पणी भी खास होती है.
बाई द वे, आपको किसी आतंकी, नक्सली ने धमकी दी? या इनकम टैक्स के अधिकारी आपके घर तक पहुँच गये? या फ़िर आपको सरकार अपना मेहमान बनाने चली थी?
जो आपने पल्ला झाड़ लिया? ;)
विजय भाई
वैसे टिप्पणी के delete होते वक्त ऐसी कोई सोच नही जागी थी, मगर,ये आपने याद अच्छा दिला दिया कि ऐसा लफडा हो सकता था। बहुत बचे ;)
आगे से सतर्क रहना पडेगा।
समीर लाल
आपने सरकारी तंत्र की क्या वाट लगाई है, और भगवान करे आपकी इच्छा पूरी हो, तथास्तु
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