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पाठकों की भारी मांग को देखते हुए मैं दो हिंट्स दे रहा हूँ:
१. हमारे परिवार में 45 हज़ार लोगों की "अचानक" वृद्धि हो गई है।
२. एक नीलामी में हमारे मुखिया ने "कुछ" खरीद लिया है।
और क्या कहुँ, आजकल अखबारों में बड़े सौदों में यही तो खबर चल रही है।
अभी तो पता नहीं कि 'हमारे' लिये यह अच्छा है या नहीं। देखते हैं आगे क्या होता है।
Wednesday, April 15, 2009
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6 comments:
भैये किंग फिशर की बात कर रहे हो क्या? :)
SatyaMahindra is it ?
तुम्हारा दुखड़ा हम समझ गए बच्चा
थके मांदे (TM) ने झूठम को खरीद लिया है ना। लगे रहो....
तुम तो हजारों मे एक हो....टेंशन मत लो।
दर्पण जी: हम लोग भी नये नाम को लेकर जब बात कर रहे थे तो यह नाम भी हमारे दिमाग में आया था। :)
जीतु भैय्या ने सही कहा - हम तो हैं ही हज़ारों में एक!
शब्दों की जादूगरी अच्छी लगी। कृपया इसे निरन्तर कीजिएगा।
विष्णु जी: यथासंभव प्रयास जारी रहेंगे, अपना स्नेह बनाए रखें।
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