पी.ए.एन. यानि कि पर्मानेन्ट अकाउंट नम्बर, जैसा कि आप सबको पता ही होगा, आयकर विभाग की तरफ़ से आयकर दाताओं को जारी किया जाता है। और इसका उल्लेख अधिकतर सौदों में करना होता है।
जिन्हें इसके बारे में पुरी जानकारी चाहिये हो, वे भारत सरकार की इस साईट को खंगाल सकते हैं - www.incometaxindia.gov.in/PAN/Overview.asp.
मैं यहाँ इसके बारे में सिर्फ़ एक दो छोटी छोटी परंतु दिलचस्प बातें बताने वाला हूँ, जो कि मुझे अभी अभी ही पता चली है:
१. PAN हमेशा १० अक्षरों का ही होता है।
२. इसके पहले ५ अक्षर हमेशा अंग्रेजी के अक्षर (alphabets) होते हैं।
३. उसके बाद के ४ अक्षर हमेशा अंक (numbers) होते हैं।
४. आखिरी अक्षर पुन: अंग्रेजी का कोई अक्षर (alphabet) होता है।
५. और आखिर में, PAN का ४था (चौथा) अक्षर हमेशा अंग्रेजी का "P" अक्षर होता है।
नोट: PAN इतना जरूरी है कि इसके बिना हमारी कंपनी में अब से तनख्वाह ही नहीं मिलेगी। :)
Friday, April 24, 2009
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2 comments:
यदि PAN किसी व्यक्ति है तो चौथा अक्सर P होगा यदि कम्पनी का है तो C होगा यदि एसोसियेसन का है तो A होगा यदि ट्रस्ट है तो T होगा और यदि HUF है तो H होगा ।
PAN का ५वा अक्षर आपके उपनाम का पहला अक्षर होता है|
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